सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की परिभाषा क्या है?
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमईडी) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के अनुसार, संयंत्र और मशीनरी (विनिर्माण उद्यम) एवं उपस्कर (सेवा उद्यम) में उनके निवेश के आधार पर उन्हें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) के रूप में वर्गीकृत किया गया है:
विवरण |
विनिर्माण उद्यम |
सेवा उद्यम |
सूक्षम उद्यम |
संयंत्र एवं मशीनरी में ` 25 लाख तक निवेश |
उपस्कर में ` 10 लाख तक निवेश |
लघु उद्यम |
संयंत्र एवं मशीनरी में ` 25 लाख से अधिक एवं ` 5 करोड़ तक निवेश |
उपस्कर में ` 10 लाख से अधिक एवं ` 2 करोड़ तक निवेश |
मध्यम उद्यम |
संयंत्र एवं मशीनरी में ` 5 करोड़ एवं ` 10 करोड़ तक निवेश
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उपस्कर में ` 2 करोड़ से अधिक एवं ` 5 करोड़ तक निवेश |
- सूक्ष्म एवं लघु (सेवा) उद्यम में लघु सड़्क एवं जल परिवहन परिचालक, लघु व्यवसाय, व्यावसायिक एवं स्व-नियोजित व्यक्ति, और रिटेल ट्रेड अर्थात आवश्यक वस्तुओं (उचित मूल्य की दुकान) एवं प्राइवेट रिटेल व्यापार में संलग्न खुदरा व्यापारियों को स्वीकृत अधिकतम 20 लाख तक के ऋण एवंएमएसएमईडी अधिनियम में परिभाषित अन्य सेवा उद्यम शामिल हैं.
विनिर्माण एवं सेवा उद्यम की परिभाषा क्या है?
- विनिर्माण उद्यम: वस्तुओं के विनिर्माण या उत्पादन, प्रसंस्करण, परिरक्षण एवं पैकिंग में संलग्न उद्यम जो संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश (मूल लागत) की शर्तों में यथा परिभाषित हैं.
- सेवा उद्यम:सेवाएं प्रदान करने या उपलब्ध कराने में संलग्न उद्यमों तथा जो भूमि और भवन एवं फर्नीचर व फिटिंग जो प्रत्यक्ष तौर पर सेवाएं प्रदान करने से संबंधित नहीं है के अतिरिक्त उपकरण में निवेश (मूल लागत) की शर्तों में यथा परिभाषित हैं.
क्या एमएसएमई क्षेत्र को ऋण प्रदान करने के लिए विशेषीकृत शाखाएं हैं?
हां, लघु उद्यमी बहुल चिन्हित केन्द्रों /क्लस्टर में बैंक की विशिष्ट श्रेणीकृत एमएसएमई शाखाएं बनाई हैं ताकि उद्यमी आसानी से बैंक ऋण प्राप्त कर सकें.
क्या बैंक द्वारा मीयदी ऋण और कार्यशील पूंजी प्रदान की जा सकती है?
हां, बैंक में दोनों सुविधाएं अर्थात मीयादी ऋण एवं कार्यशील पूंजी उपलब्ध हैं.
क्या विनिर्माण उद्यम या सेवा उद्यम के लिए बैंक ऋण हेतु कोई उच्चतम सीमा है?
विनिर्माण उद्यम हेतु बैंक ऋण के लिए उच्चतम सीमा नहीं है लेकिन सेवाएं उपलब्ध कराने में संलग्न सूक्ष्म एवं लघु उद्यम इकाईयों के लिए उपकरण में निवेश की परिभाषा के अनुसार प्रति ऋणी बैंक की उच्चतम सीमा ` 5.00 करोड़ है.
एमएसई ऋण के लिए “प्राथमिक प्रतिभूति” क्या है?
एमएसई ऋण के मामले में "प्राथमिक प्रतिभूति" का तात्पर्य उपलब्ध कराई गई ऋण सुविधा से सृजित आस्तियों और/या विद्यमान भाररहित आस्तियों से है जो उस प्रोजेक्ट या व्यवसाय के साथ प्रत्यक्ष रूप से संबंधित है जिसके लिए ऋण सुविधा प्रदान की गई है.
क्या एमएसई ऋण के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति/तृतीय पक्ष गारंटी आवश्यक है?
- एमएसई क्षेत्र की इकाई को ` 10 लाख तक के ऋण के मामले में किसी संपार्श्विक/तृतीय पक्ष गारंटी की आवश्यकता नहीं है.
- इसके अतिरिक्त, इकाई के बेहतर ट्रैक रिकार्ड और वित्तीय स्थिति के आधार पर, बैंक उचित प्राधिकारी की अनुमति के साथ ` 25 लाख तक के ऋण के लिए भी संपार्श्विक प्रतिभूति/तृतीय से छूट दे सकता है.
- 1 करोड़ तक के ऋणों के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति या तृतीय पक्ष गारंटी की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ये ऋण सीजीटीएमएसई के अंतर्गत कवर होंगे.
- अन्य ऋण खातों जो सीजीटीएमएसई के अंतर्गत पात्र नहीं है, उनके लिए बैंक अपनी ऋण नीति दिशानिर्देशों में संपार्श्विक प्रतिभूति या तृतीय पक्ष गारंटी निर्धारित कर सकता है.